रोडवेज बसे है या ट्रांसपोर्ट के ट्रक
हम बात कर रहें है कानपुर स्थित मेजर सलमान अंतरराज्यीय बस स्टैंड की जहां पार्सल इस कदर बसों में लादा जाता है जैसे ये यात्री बसे नही कोई ट्रांसपोर्ट का ट्रक हो । ड्राइवर सीट के इर्द गिर्द इस कदर माल पार्सल ठूंस ठूंस कर लगाया जाता है मानो ये यात्रियों के लियें नही केवल माल ढोने के लियें चलाईं जाती है । ड्राइवर और कंडक्टर यात्री से ज़्यादा माल पार्सल भरने की जुगत में रहते है और क्यों न हो इसके लियें इन्हें अतिरिक्त रकम जो मिलती है यानी तनख्वाह भी और ऊपरी कमाई भी ऎसा नही है के ये कमाई केवल ड्राइवर और कंडेक्टर तक सीमित है ऊपर बैठा भगवान (उच्चाधिकारी )भी कहीं न कहीं इसमें शामिल है क्योंकि एआरएम साहब के कमरे में तो बस स्टैंड के चप्पे चप्पे में कैमरे लगे है।
अवैद्य वेन्डर की है भरमार
पूरे बस स्टैंड में आपकी नजर जहां जायेगी वहां आपको हाथों में बाल्टी लियें अवैध वेन्डर नजर आयेंगे जो बस स्टैंड की सुरक्षा के लियें बड़ा खतरा साबित हो सकते है क्योंकि इन वेंडरों की कोई लिखापढ़ी किसी के पास नही होती कभी भी कोई वेन्डर कुछ भी अंजाम देकर भाग सकता है पर इससे परिवहन निगम के अधिकारियों को क्या जब कोई वारदात होती है तो उसपर लीपापोती कर दी जाती है।